संस्थापक की कलम से

मेरा नाम अनुराग सिंह है । जैसा कि आप सब जानते हैं कि शिक्षक हितों के लिए पिछले कई वर्षों से अनवरत मैं समर्पित हूँ और लगातार आप सभी की विभिन्न समस्याओं को दूर कर आपके और आपके परिवार के जीवन को सुखमय और खुशहाल बनाने का प्रयास कर रहा हूँ।

चाहे 2017 में लगभग 65000 शिक्षक साथियों को समायोजन से मुक्ति दिलाने का मामला हो या मई 2018 में 50000 से अधिक शिक्षक साथियों को बीएलओ ड्यूटी से बचाने का , दोनों मामलों में ईश्वर की कृपा से माननीय न्यायालय से सफलता पाकर आप सभी के जीवन मे खुशियाँ लाने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ ।

इस बीच कुछ घटनाओं ने मन को बेचैन कर दिया । शिक्षक साथियों की लगातार हो रही अकाल मौत और उसके बाद उनके परिवार के प्रति सभी की बेरुखी और उनका आर्थिक रूप से टूट जाना , मन को विचलित कर गया ,कि समाज को अपने ज्ञान की रोशनी से आलोकित करने वाले हम शिक्षकों के ख़ुद के लिए कोई आशा की किरण क्यों नहीं !

आखिर शिक्षक के आकस्मिक निधन के बाद उनके परिवार के भविष्य की आर्थिक सुरक्षा का समाधान किस प्रकार किया जाए ।

इसी क्रम में 5 सितंबर 2019 को शिक्षकों के लिए *मिशन आत्मनिर्भर* नाम से सेविंग अकॉउंट को सैलरी अकॉउंट में परिवर्तित करने की योजना को साथियों को समर्पित किया । शिक्षकों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से सभी 75 जिलों के BSA के नाम पत्र जारी कराया गया । जिसमे स्पष्ट लिखा था कि सेविंग अकॉउंट को सैलरी अकॉउंट में बदलने मात्र से बिना एक भी पैसे खर्च किये आपको 20 लाख तक दुर्घटना बीमा मुफ्त मिलेगा ।

मुझे इस बात को बताते हुए खुशी महसूस हो रही है कि इस जानकारी के प्राप्त होने के मात्र 4 माह के अंदर ही प्रदेश के लगभग 20 से 25 % शिक्षकों ने अपने खाते सैलरी अकॉउंट में कन्वर्ट करा लिए हैं ।
इस बीच अपने ही साथ के संघर्ष के साथी शिक्षक की बीमारी से मृत्यु और उसके बाद उनके परिवार को सहायता आदि प्रकरण से आप अवगत होंगे ही ।
प्रदेश में यह एकलौता ऐसा प्रकरण नहीं था , अनेकों प्रकरण हैं।
इन्हीं सब बातों ने मुझे फिर आगे आने और कुछ बेहतर करने के लिए प्रेरित किया।

बहराइच में नियुक्त शिक्षक साथी और भाई पीयूष चतुर्वेदी जी से नववर्ष की पूर्व संध्या पर मुलाकात हुई और और उनके परामर्श और उत्साह बढ़ाने पर नई योजना की रूप रेखा बनी ।

प्रिय साथियों , गणतंत्र दिवस के इस शुभ अवसर पर शिक्षक साथियों के लिए इस नई योजना को प्रस्तुत करते हुए मैं बड़े फक्र और गर्व से ये कह सकता हूँ कि ये प्रदेश का पहला ऐसा शिक्षक समूह होगा , जो कभी भी किसी भी प्रकार का शुल्क लिए बिना शिक्षकहित मे कार्य करेगा । जिसकी सम्पूर्ण जानकारी निम्नवत है

इस समूह का नाम होगा। पहल (एक छोटा सा कदम अपनों के लिए।)

टीम पहल के संयोजन का उद्देश्य एवं नियम

1_समूह का मुख्य लक्ष्य होगा आकस्मिक निधन से अचानक बेसहारा हुए शिक्षक परिवार का सहारा बनकर उन्हें इस ग्रुप से जुड़े साथियों के सहयोग से अधिकतम वित्तीय सहयोग दिलाना ।
2_समूह में जाति , धर्म और राजनीति का कोई स्थान नही होगा और समूह समूह में जुड़ने के अगले दिन से ही समूह के प्रत्येक सदस्य के भविष्य की आर्थिक सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।
3_ समूह का कोई व्यक्तिगत बैंक खाता नहीं होगा और न ही समूह के संचालन के लिए एक भी रुपये का सहयोग भी किसी आम शिक्षक साथी से लिया जाएगा।
4_समूह में केवल प्रतिबद्ध परिषदीय शिक्षको को ही जुड़ने का अधिकार होगा ।
5_ समूह और अपने शिक्षक साथियों के प्रति आपकी प्रतिबद्धता ही आपका निवेश होगा।
6_ ग्रुप का कोई भी साथी स्वयं के खाते में कोई भी धन प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से न ही लेगा और न देगा।
7_ किसी साथी के साथ अप्रिय होने की स्थिति में ग्रुप की वेबसाइट www.teampahal.com और ग्रुप से सम्बन्धित टीम पहल नाम के टेलीग्राम ग्रुप पर उस साथी के नॉमिनी का अकाउंट नंबर और पास बुक की फोटो डाली जाएगी और सहयोग राशि सीधे नॉमिनी के अकाउंट में भेजना अनिवार्य होगा।
8_ सहयोग की राशि न्यूनतम 100 /- रुपये मात्र होगी ।
9_ अलग अलग जनपदों में वहाँ कार्यरत सक्रिय 1 या 2 साथी उस जनपद के विभिन्न ब्लाकों में जिम्मेदार सदस्यों की एक टीम बनाकर उस जनपद की सटीक सूचना से अवगत करायेंगे।
10 _ समूह के संचालन पर आने वाले किसी भी व्यय को समूह के संस्थापक मंडल और उनकी टीम सामूहिक रूप से वहन करेगी। आम सदस्य से इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
11_ भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर 75 जिलों के प्रभारियों, ग्रुप की परामर्श समिति ,विधिक समिति, तकनीकी सहायकों, संस्थापक मंडल द्वारा आप सब ग्रुप के सम्मानित सदस्यों की राय के अनुसार सर्वसम्मति से ग्रुप के नियमों में यथोचित संशोधन किया जा सकेगा ।

अंत में पुनः एक बार कहना चाहूँगा कि आपका शिक्षक होना और ग्रुप का प्रतिबद्ध सदस्य होना ही ग्रुप का प्रथम और अंतिम नियम होगा।

तो आइए शुरू करते हैं पहल एक छोटा सा कदम अपनों के लिए।

         
जय हिंद , जय भारत